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मंदी के बावजूद सरसों के बाजार में उठापटक, विदेशी बाजारों की गिरावट का असर, जाने अपडेट

भारतीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है, और जयपुर में सरसों का भाव 7125 रुपये के उच्चतम स्तर से घटकर अब 6300 रुपये के नीचे फिसल चुका है। मलेशिया के केएलसी (क्लैंग लोंग) में पाम तेल के भाव में भी भारी गिरावट देखी गई है। यहां पाम तेल के भाव साप्ताहिक आधार पर 7.91% गिरकर बंद हुए जो पिछले तीन सालों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। साथ ही दिसंबर में मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में लगभग 9% की कमी आई है, और इंडोनेशिया द्वारा बी40 योजना की शुरुआत में हो रही देरी ने और भी दबाव बना दिया है। हालांकि मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल उत्पादन में कमी की संभावना है लेकिन निर्यात में गिरावट के चलते स्टॉक में वृद्धि हो रही है जिससे बाजार पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

सोयाबीन और सरसों की कीमतें प्रभावित

पाम तेल के गिरते हुए भाव का असर अन्य तेलों की कीमतों पर भी देखा जा रहा है। घरेलू बाजार में पाम तेल की कीमतें महाराष्ट्र के प्लांट में 1400 रुपये प्रति 10 किलो तक दर्ज की गईं, जबकि उत्पादन में कमी और बी40 योजना से आपूर्ति में कमी की संभावना के चलते गिरावट की रफ्तार थोड़ी धीमी हो सकती है। इसके बावजूद बढ़ते हुए स्टॉक की वजह से कुछ और गिरावट की संभावना जताई जा रही है।

सोयाबीन की कीमतों पर भी गिरावट का असर पड़ा है, और घरेलू किसान कम दामों पर सोयाबीन की बिक्री रोक चुके हैं। इससे प्लांटों में माल की कमी हो रही है, जिसके कारण सोयाबीन के भाव में सुधार देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट में सोयाबीन का भाव 4350 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गया है। हालांकि, वैश्विक आपूर्ति में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए सोयाबीन और तेलों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं जताई जा रही है।

तेल की कीमतों पर असर

सरसों के भाव भी अन्य तेलों की गिरावट से प्रभावित हो रहे हैं। जयपुर में सरसों का भाव घटकर 6275 रुपये हो गया है, जबकि भरतपुर में यह बढ़कर 6011 रुपये हो गया। दिल्ली, चरखी दादरी, और अलवर जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में भी सरसों के भाव में मामूली बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, सरसों तेल अब सोया तेल के लगभग बराबर भाव पर पहुंच चुका है, जिससे ज्यादा गिरावट की संभावना कम है, लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद भी नहीं है।

सरसों के तेल के भाव पर विदेशी तेलों की गिरावट का असर पड़ा है, और इस कारण प्लांटों की खरीद कमजोर हुई है। हालांकि, सरसों में मंदी का सिलसिला जारी है। सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 6850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे, जबकि गोयल कोटा प्लांट पर यह 6100 रुपये पर देखा गया। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों का भाव 6600 रुपये तक पहुंचा और यहां पर ₹100 की तेजी दर्ज की गई।

हाजिर मंडियों में सरसों के ताजा भाव

हाजिर मंडियों में भी सरसों के भाव में उतार-चढ़ाव देखा गया है। गजसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 5488 से 5713 रुपये तक था, जबकि रायसिंहनगर मंडी में यह 5665 रुपये के स्तर पर था। देवली मंडी में सरसों के भाव 5000 से 6000 रुपये तक थे, और सिवानी मंडी में 5525 रुपये के स्तर पर थे। अन्य मंडियों में भी सरसों के भाव में हल्की गिरावट देखी गई है, लेकिन समग्र रूप से सरसों के भाव में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।

विदेशी बाजारों की मंदी का असर

विदेशी बाजारों में भी तेलों की कीमतों में गिरावट जारी रही। मलेशिया में पाम तेल के वायदा अनुबंध में 1.65% की गिरावट आई और यह 4434 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। इसके अलावा अमेरिका के शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में भी सोया तेल के भाव में गिरावट देखी गई, जहां सोया तेल के भाव 0.4% तक कमजोर हुए। यह गिरावट वैश्विक आपूर्ति में वृद्धि की धारणा को और मजबूत करती है जिससे तेलों की कीमतों में तेजी की संभावना कम हो गई है।

अन्य तेलों की कीमतों में स्थिरता

राजकोट में मूंगफली तेल की कीमतें स्थिर रही और यह 1400 रुपये प्रति 10 किलो पर बनी रहीं। बिनौला तेल गुजरात में 1160 रुपये तक बढ़ गया है, और यहां मंदी की संभावना नहीं है, लेकिन बड़ी तेजी के लिए समय लग सकता है। अगर विदेशी बाजारों में गिरावट रुक भी जाती है, तो भी भारतीय बाजार में सरसों के भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद कम ही है। आने वाले समय में, खासकर फरवरी से नई सरसों की आवक शुरू होने के बाद, बाजार में मंदी का दौर जारी रह सकता है। पिछले कई सालों के ट्रेंड को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि मार्च तक सरसों के भाव में कम से कम 400 रुपये की और गिरावट हो सकती है।

समग्र रूप से, इस समय सरसों का बाजार मंदी के दौर में है, और कोई विशेष तेजी की उम्मीद नहीं दिखाई देती है। जिन व्यापारियों और किसानों के पास सरसों का स्टॉक है, उन्हें 6200 रुपये के स्तर पर सरसों के भाव पर निगाह रखनी चाहिए, क्योंकि इससे नीचे जाने पर भाव 5800 रुपये तक पहुंच सकते हैं।

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